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बैकुण्ठपुर नगर पालिका में पेड़ों की कटाई पर सवाल, हरे-भरे वृक्ष चार रुपये किलो बिके, सूखे पेड़ बने हादसों का कारण


बैकुण्ठपुर। नगर पालिका बैकुण्ठपुर में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। आरोप है कि नगर पालिका के ही कुछ जनप्रतिनिधियों की सहमति और संरक्षण में शहर के हरे-भरे पेड़ों को बेहद कम दर पर बेचा जा रहा है। पहले यूकेलिप्टस के हरे-भरे पेड़ों की कटाई कर दी गई और अब सेमर (रेशम) के पेड़ों को काटकर मात्र चार रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचने का मामला सामने आया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जिन पेड़ों की कटाई की जा रही है, वे पूरी तरह हरे-भरे और पर्यावरण की दृष्टि से उपयोगी थे। इन पेड़ों से शहर को न केवल हरियाली मिल रही थी, बल्कि गर्मी में छाया और प्रदूषण से राहत भी मिलती थी। इसके बावजूद बिना किसी ठोस कारण के इनकी कटाई कर दी गई, जिससे शहर की हरित पट्टी को भारी नुकसान पहुंचा है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि शहर में सैकड़ों की संख्या में सूखे और जर्जर पेड़ मौजूद हैं, जो कभी भी गिरकर बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण दे सकते हैं। तेज हवा या बारिश के दौरान ये सूखे पेड़ राहगीरों, वाहनों और मकानों के लिए खतरा बने हुए हैं, लेकिन नगर पालिका द्वारा उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नागरिकों का आरोप है कि सूखे पेड़ों को हटाने के बजाय जानबूझकर हरे पेड़ों की कटाई कर आर्थिक लाभ उठाया जा रहा है। यह भी सवाल उठ रहा है कि आखिर इन पेड़ों की कटाई और बिक्री की अनुमति किसने दी और किसकी सहमति से यह पूरा कार्य किया जा रहा है। शहरवासियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए, जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की जवाबदेही तय हो तथा पर्यावरण को हो रहे नुकसान को तत्काल रोका जाए। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में इसका खामियाजा पूरे शहर को भुगतना पड़ सकता है।

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