बैकुण्ठपुर। नगर में आबकारी विभाग के निर्देशों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। विभाग द्वारा हाल ही में जारी प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि जिले के सभी सरकारी शराब दुकानों के पास बनाए गए अहाता (पेय स्थल) के बाहर शराब का सेवन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। बावजूद इसके जिला मुख्यालय स्थित तलवापारा शराब दुकान के पास की स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है।
यहां न केवल अहाता के बाहर खुले में शराब पी जा रही है, बल्कि दुकान के आसपास भीड़ लगाकर लोगों के द्वारा खुलेआम शराब का सेवन किया जा रहा है। नियमों के अनुसार अहाता के अंदर ही सीमित मात्रा में शराब परोसने की अनुमति है, लेकिन तलवापारा क्षेत्र में यह नियम केवल कागजों तक सीमित रह गया है। शराब दुकान के आसपास गंदगी, विवाद की स्थिति और शोर-शराबा आम बात हो गई है, जिससे स्थानीय निवासियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग ने निर्देश तो जारी कर दिए, लेकिन उनकी निगरानी के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। इससे यह स्पष्ट है कि या तो आबकारी विभाग के अधिकारी स्थिति से अनजान हैं या फिर जानबूझकर अनदेखी कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो विभाग में वर्षों से पदस्थ कुछ अधिकारी-कर्मचारी ऐसे हैं जो कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिखावा करते हैं और कच्ची शराब बनाने तथा अवैध बिक्री करने वालों से आर्थिक लाभ उठा रहे हैं।
बैकुण्ठपुर ही नहीं, बल्कि जिले के अन्य शराब दुकानों में भी यही हाल बताया जा रहा है। अहाता संचालन के लिए तय किए गए नियम जैसे सीमित समय, निर्धारित स्थान, स्वच्छ वातावरण और बाहर सेवन पर रोक का पालन किया जा रहा है। लेकिन नियमों के अनुरुप आसपास मे जमकर शराब परोसकर नियमों की धज्जियां लोग उडा रहे है, आबकारी विभाग कभी भी उस ओर देखने नहीं पहुंचे बस एसी कमरे मे बैठकर नियम कागज मे बना दिया गया है।
जनता अब सवाल पूछ रही है कि जब जिला मुख्यालय स्थित शराब दुकान के पास ही नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, तो ग्रामीण इलाकों में स्थिति का अंदाजा सहज लगाया जा सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आबकारी विभाग तत्काल जांच कर नियमों का पालन सुनिश्चित करे, अन्यथा यह अव्यवस्था आगे और बढ़ सकती है।



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