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राजवाड़े नर्सिंग कॉलेज में सीपीआर प्रशिक्षण से छात्र हुए जागरूक, रेडक्रॉस टीम ने दिया जीवन रक्षक तकनीक का प्रशिक्षण


बैकुंठपुर। 13 अक्टूबर से 17 अक्टूबर 2025 तक जिले में चल रहे “सीपीआर (Cardio Pulmonary Resuscitation)” जागरूकता अभियान के तहत शुक्रवार, 17 अक्टूबर को भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी, बैकुंठपुर जिला-कोरिया (छ.ग.) द्वारा राजवाड़े इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग में एक विशेष प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नर्सिंग विद्यार्थियों को सीपीआर की प्रक्रिया, इसके महत्व और आपातकालीन स्थिति में मरीज के जीवन को बचाने की तकनीक सिखाना था।


कार्यक्रम के दौरान रेडक्रॉस सोसायटी में कार्यरत वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष कुर्रे ने छात्रों को सीपीआर की विधि का विस्तृत प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि जब किसी व्यक्ति की हृदय गति रुक जाती है, वह सांस नहीं ले रहा होता या पूरी तरह प्रतिक्रियाहीन हो जाता है, तो तुरंत और सही तरीके से सीपीआर करने से उसकी जान बचाई जा सकती है। डॉ. कुर्रे ने कहा कि डूबने, दम घुटने, विद्युत झटका लगने या हृदयाघात की स्थिति में सीपीआर का ज्ञान किसी भी व्यक्ति के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकता है।


प्रशिक्षण सत्र के दौरान विद्यार्थियों को मैनिकिन (डमी मरीज) पर सीपीआर का व्यावहारिक अभ्यास कराया गया, जिससे उन्हें वास्तविक परिस्थिति में सही तकनीक अपनाने का आत्मविश्वास मिला। छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए प्रश्न पूछे और आपातकालीन स्थितियों में तत्काल प्रतिक्रिया देने के तरीकों की जानकारी ली। संस्थान की प्राचार्या ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम नर्सिंग विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी हैं, क्योंकि वे भविष्य में समाज के स्वास्थ्य रक्षक बनेंगे। उन्होंने रेडक्रॉस टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सीपीआर जैसी जीवन रक्षक तकनीक का ज्ञान न केवल स्वास्थ्यकर्मियों बल्कि आम नागरिकों के लिए भी जरूरी है, ताकि आपात स्थिति में तुरंत मदद की जा सके। इस अवसर पर रेडक्रॉस सोसायटी के स्वास्थ्यकर्मी, संस्थान की प्राचार्या, अध्यापकगण, बीएससी नर्सिंग तथा जीएनएम नर्सिंग के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों को सहभागिता प्रमाणपत्र भी प्रदान किया गया। यह कार्यक्रम न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि इससे छात्रों में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के प्रति जागरूकता, संवेदनशीलता और सेवा भावना को भी बल मिला। रेडक्रॉस सोसायटी की यह पहल जिले में स्वास्थ्य शिक्षा और जनजागरूकता को नई दिशा देने वाला कदम साबित हो रहा है।

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