जनकपुर(पप्पू बैगा)। अनियंत्रित वाहनों की तेज रफ्तार और बिना किसी टेऊनिंग के ही सड़कों पर वाहन चला रहे ड्राइवरों के कारण क्षेत्र में दुर्घटनाओं में काफी इजाफा हो रहा है। स्पीड की चाहत और ओवरटेक करने के कारण बीते एक वर्ष में कई जान चली गई है। इसमें से कई लोग तो ऐसे थे, जिनका दुर्घटना में कोई कुसूर भी नहीं था पर चालकों की लापरवाही और प्रशासनिक उदासिनता के कारण आए दिन लोगों को हाथ धोना पड़ रहा है।
इन चालकों में कई ऐसे भी है जिन्हे न तो ट्रैफिक नियमों की जानकारी है और न ही इन्होंने किसी तरह की परीक्षा पास की है। सड़कों पर चल रहे कई ऐसे ड्राइवर है जिनके पास न तो वाहन चलाने के पहले प्रॉपर कोई ट्रेनिंग की है, और न ही वाहन चलाने की कोई जानकारी है। जल्द से जल्द लाइसेंस पाने की होड़ में कई युवक लाइसेंस बनवाने के लिए जरूरी प्रक्रिया और टेस्ट परीक्षाओं के बिना ही दलालों के माध्यम से आसानी से वाहन चलाने का अधिकार प्राप्त कर ले रहे है।
लाइसेंस के खेल में दलालों का है बोलबाला
हांलाकि परिवहन विभाग द्वारा लाइसेंस देने के लिए पहले टेस्ट परीक्षा में पास करना होता है तब जाकर लर्निंग की प्रक्रिया पूरी होती है उसके एक माह बाद स्थायी लाइसेंस पाने के लिए वाहन चलाने का टेस्ट देना पड़ता है, पर आरटीओ विभाग से टाइअप कर कई दलाल ज्यादा पैसे लेकर लोगों को बिना किसी परीक्षण में ही लाइसेंस दे देता है।
कम उम्र के बच्चे भी चला रहे हैं बाइक
बाइक चलाने का शौक वैसे तो हर युवा को होता है पर थोड़ी सी लापरवाही और अभिभावकों की अनदेखी के कारण कम उम्र के बच्चों के हाथ में भी बाइक आ जाती है। 12 से 15 वर्ष के उम्र के ऐसे कई बच्चे सड़कों पर खुलेआम मोटर सायकल चलाते हुए देखे जा सकते है। अभिभावकों में जागरूकता का अभाव कई बार मासूमों के जान को खतरे में डाल देता है और कई मामलों में तेज रफ्तार में बाइक चला रहे छोटे बच्चे हादसों का शिकार भी हो चूके है। ऐसे में जिम्मेवारी न सिर्फ प्रशासन की बनती है बल्कि अभिभावकों को भी इस विषय पर गंभीरता से सोचना चाहिए।
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