VIP कल्चर पर रोक के बाद भी जारी नियम उल्लंघन, जिम्मेदार खामोश
कोरिया। जिले में शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच परिवहन नियमों को ताक पर रखने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर तो सरकारी आदेश के तहत वीआईपी कल्चर समाप्त कर दिया गया है, हूटर-सायरन के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है, वहीं दूसरी ओर कोरिया जिले में कई अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के वाहनों में हूटर अब भी खुलेआम लगे हुए हैं।
इतना ही नहीं, कई विभागों में अधिग्रहित निजी (प्राइवेट) गाड़ियां, जो न तो पीली नंबर प्लेट (कमर्शियल) में पंजीकृत हैं और न ही सरकारी वाहन श्रेणी में आती हैं, का सरकारी दौरों में बेझिझक उपयोग हो रहा है। इन गाड़ियों में ईंधन और रखरखाव का खर्च भी सरकारी खजाने से उठाया जा रहा है, जो स्पष्ट रूप से नियम विरुद्ध है।
सरकारी आदेश और कानून क्या कहते हैं?
केंद्र सरकार ने 2017 में सभी VIP वाहनों से हूटर हटाने का आदेश दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी अनिवार्य किया।
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 66 के अनुसार, निजी वाहन का व्यावसायिक कार्यों में उपयोग करना दंडनीय अपराध है।
नियम उल्लंघन की स्थिति में वाहन मालिक और उपयोगकर्ता दोनों पर जुर्माना और अन्य कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
जागरूक नागरिकों की नाराजगी
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब आम नागरिक से मामूली नियम उल्लंघन पर भी चालान वसूला जाता है, तो अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को छूट क्यों? यह न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि सरकारी धन के दुरुपयोग और विशेषाधिकारवाद की मानसिकता का उदाहरण भी है।
अब सवाल यह है कि क्या जिला प्रशासन इन नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई करेगा, या फिर यह मामला भी पुराने फाइलों की तरह धूल फांकता रहेगा।
अगर अधिकारी या जनप्रतिनिधि प्राइवेट गाड़ी को सरकारी या कमर्शियल काम में इस्तेमाल करते समय दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं, तो बीमा मिलने में गंभीर दिक्कत आ सकती है, और कई मामलों में क्लेम पूरी तरह से रिजेक्ट हो सकता है।
कारण यह है—
1. प्राइवेट वाहन का बीमा नियम
प्राइवेट कार का बीमा (Private Car Insurance) केवल व्यक्तिगत उपयोग के लिए होता है—जैसे परिवार या व्यक्तिगत यात्रा।
अगर वही गाड़ी सरकारी ड्यूटी, किराये पर, या अन्य कमर्शियल उपयोग में पकड़ी गई, तो बीमा कंपनी क्लेम खारिज कर सकती है।
2. कमर्शियल उपयोग पर पाबंदी
यदि वाहन का आरसी (Registration Certificate) निजी श्रेणी में है लेकिन उपयोग व्यावसायिक काम में हो रहा था, तो यह मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन है।
बीमा कंपनियां पॉलिसी की शर्तों में यह साफ लिखती हैं कि वाहन का उपयोग उसके पंजीकरण के अनुसार ही होना चाहिए।
3. दुर्घटना में कानूनी जिम्मेदारी
अगर हादसे में किसी तीसरे व्यक्ति (थर्ड पार्टी) को चोट या मृत्यु हुई, तो थर्ड पार्टी बीमा का दावा भी उलझ सकता है।
कई बार मामला अदालत तक जाता है, और जिम्मेदारी सीधे वाहन मालिक और वाहन का उपयोग कर रहे अधिकारी पर डाल दी जाती है।
4. हूटर/गैर-कानूनी फिटिंग का असर
अगर वाहन में अनधिकृत हूटर या फ्लैशर लगे हैं, तो भी बीमा कंपनियां यह कह सकती हैं कि वाहन में अनुमोदित संरचना में बदलाव हुआ है, जो पॉलिसी के नियमों के खिलाफ है।
ऐसे में भी क्लेम खारिज हो सकता है।
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