कोरिया। जमगहना ग्राम पंचायत के कोटकताल में इस वर्ष का स्वतंत्रता दिवस यादगार रहा। प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला और आंगनबाड़ी प्रांगण में सामूहिक रूप से हर्षोल्लास के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। सुबह तिरंगे को सलामी देकर ध्वजारोहण हुआ और राष्ट्रगान की गूंज ने पूरे माहौल को देशभक्ति से सराबोर कर दिया। इसके बाद बच्चों ने प्रभात फेरी निकालते हुए “स्वतंत्रता दिवस अमर रहे” और “भारत माता की जय” के नारों से पूरे ग्राम को गुंजायमान कर दिया।
प्रभात फेरी के उपरांत विद्यालय प्रांगण में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। प्राथमिक व माध्यमिक शाला के विद्यार्थियों ने रंग-बिरंगे परिधानों में मनमोहक नृत्य, देशभक्ति गीत और कविताएं प्रस्तुत कीं। ग्रामीणों और अभिभावकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से बच्चों का उत्साह बढ़ाया। इस दौरान विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष वेदंती तिवारी द्वारा अपने निजी मद से तैयार करवाए गए मंच पर इन प्रस्तुतियों ने खास रंग बिखेरा।
कार्यक्रम में एक विशेष क्षण तब आया, जब ग्रामीणों, शिक्षकों और छात्र-छात्राओं ने मंच से ही कलेक्टर कोरिया श्रीमती चंदन त्रिपाठी और जिला शिक्षा अधिकारी जितेंद्र गुप्ता को सार्वजनिक धन्यवाद दिया। बताया गया कि पहले प्राथमिक और माध्यमिक शाला की छत जर्जर हो चुकी थी और गिरने की स्थिति में थी। जैसे ही कलेक्टर को जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत जिला शिक्षा अधिकारी को कोटकताल भेजा, स्थिति का निरीक्षण कराया और त्वरित कार्रवाई करते हुए मरम्मत के लिए फंड जारी करवाया। अब विद्यालय पूरी तरह सुरक्षित है और बच्चे बिना डर पढ़ाई कर पा रहे हैं।
माध्यमिक शाला की सहायिका ने भी मंच से अपनी बात रखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि विद्यालय का किचन रूम पूरी तरह क्षतिग्रस्त था और बरसात में पानी टपकने से मध्यान्ह भोजन बनाने में भारी परेशानी होती थी, लेकिन अब पूरा किचन मरम्मत करवा दिया गया है, जिससे बच्चों को समय पर और सुरक्षित भोजन मिल रहा है।
कार्यक्रम के समापन पर मनमोहक प्रस्तुतियां देने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार दिए गए और सभी ग्रामीणों को प्रसाद वितरण किया गया। मंच से शिक्षकों ने भी सामूहिक रूप से कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी को धन्यवाद ज्ञापित किया कि उनके प्रयासों से विद्यालय का कायाकल्प हुआ और बच्चों का भविष्य सुरक्षित हुआ।
स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर ने न सिर्फ देशभक्ति की भावना को प्रज्वलित किया, बल्कि यह भी साबित किया कि जब प्रशासन, शिक्षक और ग्रामीण एक साथ आएं तो बदलाव संभव है।
0 टिप्पणियाँ