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आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल : 1 करोड़ 40 लाख से बना घटिया भवन, सड़क भी बदहाल – 400 छात्र-छात्राओं की सुरक्षा पर संकट

 


कोरिया। शिक्षा के नाम पर करोड़ों की लागत से बने आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल की हकीकत अब खुलकर सामने आ रही है। रामानुज हायर सेकेंडरी स्कूल के बगल में बना यह स्कूल करीब 1 करोड़ 40 लाख रुपए की लागत से तैयार किया गया, लेकिन निर्माण की गुणवत्ता इतनी घटिया है कि कुछ ही सालों में भवन जर्जर होने लगा है। इसके साथ ही, स्कूल तक आने-जाने वाली सड़क भी बदहाल स्थिति में है। जगह-जगह गड्ढों, कीचड़ और पत्थरों से भरी सड़क से होकर रोजाना छोटे-छोटे बच्चों और उनके अभिभावकों को गुजरना पड़ता है।

बच्चों और अभिभावकों की बढ़ी मुसीबत


विद्यालय में वर्तमान में लगभग 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इन मासूम बच्चों को हर दिन टूटी-फूटी सड़क से होकर स्कूल पहुंचना पड़ता है। बरसात के मौसम में स्थिति और भी गंभीर हो जाती है, सड़क पर नाले जैसी स्थिति बन जाती है। बच्चे अक्सर फिसलकर चोटिल हो जाते हैं, वहीं अभिभावकों को भी बच्चों को छोड़ने और लाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।


स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जिस स्कूल पर करोड़ों की राशि खर्च की गई, उसका भवन और सड़क दोनों ही गुणवत्ता की पोल खोल रहे हैं। विद्यालय का प्लास्टर उखड़ने लगा है, कई हिस्सों में पानी रिसाव की समस्या है। दूसरी ओर, सड़क पर गड्ढे इतने गहरे हो गए हैं कि दोपहिया वाहन चालकों के लिए भी यह खतरे से खाली नहीं है।


घटिया निर्माण कार्य पर उठ रहे सवाल


लोगों का कहना है कि यदि 1 करोड़ 40 लाख की लागत से बना भवन कुछ ही समय में जर्जर हो गया है, तो साफ है कि निर्माण कार्य में भारी लापरवाही और भ्रष्टाचार हुआ है। सवाल यह भी है कि शिक्षा विभाग और लोक निर्माण विभाग ने निर्माण कार्य के समय गुणवत्ता की जांच क्यों नहीं की? करोड़ों की राशि खर्च होने के बावजूद न तो भवन मजबूत बना और न ही सड़क की व्यवस्था की गई।

प्रशासन की चुप्पी और नागरिकों की नाराजगी

नगरवासियों और अभिभावकों ने बताया कि कई बार प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी लोगों के गुस्से को और बढ़ा रही है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा को नजरअंदाज कर शिक्षा व्यवस्था पर केवल दिखावा किया जा रहा है।

तत्काल सुधार की मांग

स्थानीय नागरिकों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के भवन की गुणवत्ता की जांच कराई जाए और दोषी ठेकेदार व अधिकारियों पर कार्रवाई हो। साथ ही, स्कूल तक जाने वाली सड़क का तत्काल मरम्मत कर बच्चों को राहत दिलाई जाए। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।

निष्कर्ष:

1 करोड़ 40 लाख की राशि खर्च कर बने आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल का भवन और सड़क दोनों ही घटिया निर्माण का उदाहरण हैं। जिम्मेदार विभाग की लापरवाही और ठेकेदार की मनमानी के चलते आज मासूम बच्चों की पढ़ाई और सुरक्षा दोनों खतरे में हैं।

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