कोरिया। जिला कोरिया के पटना तहसील में करोड़ों की लागत से बनाया जा रहा नवनिर्मित तहसील कार्यालय गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों का जीता-जागता उदाहरण बनता जा रहा है। दो वर्षों से अधूरे इस भवन का निर्माण कार्य न केवल लगातार लटकाया जा रहा है, बल्कि अब इसमें खुलकर भ्रष्टाचार की बू भी आने लगी है।
हाल ही में कोरिया दर्पण ने इस विषय पर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद विभाग हरकत में आया और जांच टीम मौके पर भेजी गई। इसके बाद ठेकेदार द्वारा बीम में क्रेंक (लोहे की घुमावदार रॉड) लगाई गई, जिससे यह साबित हुआ कि पूर्व में यह महत्वपूर्ण संरचनात्मक कार्य छोड़ दिया गया था। लेकिन मामला यहीं नहीं थमा। आज जब कोरिया दर्पण की टीम पुनः स्थल निरीक्षण के लिए पहुंची, तो भवन की स्थिति और भी चौंकाने वाली मिली। तहसील कार्यालय की पहली मंज़िल की छत से लगातार पानी टपक रहा है। भवन के अंदर जगह-जगह सीपेज की समस्या उभर कर सामने आ चुकी है। दीवारों में नमी, छतों से रिसता पानी और फर्श में दरारें इस बात का स्पष्ट संकेत दे रही हैं कि निर्माण में बेहद घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है। यह नवनिर्माण कार्य लगभग 63 लाख रुपये की लागत से किया जा रहा है, लेकिन जिस तरह की स्थिति सामने आ रही है, वह न केवल सार्वजनिक धन की बर्बादी है, बल्कि क्षेत्र के आम नागरिकों के साथ धोखा भी है। तहसील कार्यालय जैसे महत्वपूर्ण सरकारी भवन की इस तरह की बदहाली गंभीर चिंता का विषय है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि भवन निर्माण के दौरान कभी भी नियमित निगरानी नहीं की गई, न ही विभागीय अधिकारियों ने गुणवत्ता को लेकर गंभीरता दिखाई। यदि समय रहते जांच और कार्यवाही नहीं हुई तो यह भवन शुरू होने से पहले ही खंडहर बन जाएगा।
अब बड़ा सवाल यह है कि —
क्या इस खुलेआम हो रहे भ्रष्टाचार पर कोई ठोस कार्यवाही होगी?
क्या दोषी ठेकेदार और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी?
या फिर यह मामला भी सरकारी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
कोरिया दर्पण इस मुद्दे पर लगातार निगरानी रखेगा और जनता की आवाज़ प्रशासन तक पहुंचाता रहेगा।
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