क्या आर आई को इतना पावर की नक्शे को ही बदल दे
कमिश्नर कार्यालय मे चल रहा मामला फिर एसडीएम कार्यालय से कैसे हुआ आदेश
क्या जांच के बाद होगी बडी कार्यवाही राजस्व विभाग के लिए होगा बडा सबक
कोरिया। बहुचर्चित भांडी वाले भूमि विवाद में एक नया मोड़ सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, राजस्व निरीक्षक (आरआई) अजय शर्मा पर शासकीय दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर अधिकारियों को गुमराह करने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि उन्होंने न केवल भूमि के मिशल में हेरफेर किया, बल्कि एसडीएम कार्यालय में लगे दस्तावेजों के साथ भी जानबूझकर छेड़छाड़ की गई। मामला अब IPC की धारा 420 के दायरे में आता नजर आ रहा है और विभागीय जांच की मांग जोर पकड़ रही है। सूत्रों के अनुसार, निर्वाचन विभाग के एक डाटा एंट्री ऑपरेटर को नकल देने से आरआई अजय शर्मा ने मना कर दिया। जबकि कलेक्टर कोरिया ने 8 जुलाई 2025 को साप्ताहिक बैठक में स्पष्ट निर्देश देते हुए एसडीएम बैकुंठपुर को मौखिक आदेश दिए थे कि निर्वाचन विभाग का कर्मचारी एसडीएम कार्यालय के कार्य में संलग्न न हो। वहीं अजय शर्मा का दो वार स्थानांतरण हुआ लेकिन रिलिभ नही किया गया, मिली जानकारी के अनुसार स्थानांतरण की फाईल ही दबा दी गई थी।
कलेक्टर के आदेश की हो रही अनदेखी
कलेक्टर कोरिया के स्पष्ट निर्देश के बावजूद, चार सप्ताह बीत जाने के बाद भी आदेश का पालन नहीं हो रहा है। एसडीएम न्यायालय के दस्तावेजों में आज भी बाहरी कर्मचारियों का हस्तक्षेप बना हुआ है। यह नियमानुसार पूरी तरह से गलत है, क्योंकि किसी अन्य विभाग का कर्मचारी न्यायालयीन दस्तावेजों को संभाल नहीं सकता।
गायब हुई थी एक अहम फाइल, न्यायाधीश के रिश्तेदार से जुड़ा मामला
गौरतलब है कि पूर्व में एसडीएम कार्यालय से एक अहम फाइल गायब हो गई थी, जो एक न्यायाधीश के रिश्तेदार से जुड़ी थी। महीनों की तलाश के बाद वह फाइल निर्वाचन विभाग के डाटा एंट्री ऑपरेटर की अलमारी से बरामद की गई थी। इस गंभीर लापरवाही के बावजूद जिम्मेदारों के खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
कार्यालय में कार्य आदेश की भी उड़ रही धज्जियां
एसडीएम कार्यालय में कार्य आदेश किसी और कर्मचारी के नाम जारी होते हैं और कार्य दूसरे कर्मचारी करते हैं। मुआवजा वितरण में भी भारी अनियमितता सामने आ रही है। जिन कर्मचारियों को चेक काटने का दायित्व सौंपा गया है, उनकी जगह अन्य कर्मचारी यह कार्य कर रहे हैं।
मुआवजा वितरण में 'कमिशन' का खेल, दलालों का कब्जा
इन दिनों एसडीएम कार्यालय में मुआवजा मामलों को लेकर दलालों की सक्रियता बढ़ गई है। सूत्रों के अनुसार, दलाल ‘कमिशन’ लेकर लोगों के काम करवा रहे हैं, जबकि आम जनता तारीख पर तारीख लेकर दर-दर भटक रही है। इससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
निष्कर्ष:
एक ओर शासन प्रशासन पारदर्शिता और सुशासन की बात करता है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। भांडी वाले जैसे मामलों में जिस तरह नियमों की अनदेखी और उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना हो रही है, वह न केवल गंभीर चिंता का विषय है बल्कि भविष्य में बड़े प्रशासनिक संकट को जन्म दे सकता है।
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