कोरिया। पटना नगर के नागरिकों की सुविधा के लिए पटना में नया तहसील कार्यालय भवन निर्माणाधीन है, लेकिन निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार यह भवन लगभग दो वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है और वर्तमान में कार्य की गति तो थोड़ी तेज हुई है, लेकिन निर्माण में गुणवत्ता और तकनीकी मानकों की अनदेखी साफ देखी जा सकती है।स्थानीय सूत्रों के अनुसार ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में बिना क्रेक (shuttering crack) लगाए ही ढलाई का कार्य किया जा रहा है, जिससे दीवारों और छत की मजबूती पर संदेह उत्पन्न हो रहा है। ऐसे निर्माण में सुरक्षा मानकों का उल्लंघन होना आम बात हो जाती है, जो भविष्य में गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकता है।
गुणवत्ता विहीन कार्य, जिम्मेदार कौन?
वर्तमान में कार्य तो चालू है, लेकिन निर्माण सामग्री की गुणवत्ता, तकनीकी निरीक्षण, और मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। इससे यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या प्रशासनिक स्तर पर इस निर्माण की निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं है? स्थानीय नागरिकों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि अभी से भवन में गुणवत्ता नहीं होगी, तो भविष्य में यह कार्यालय लोगों के लिए असुरक्षित साबित हो सकता है।
जांच की मांग
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जागरूक नागरिकों ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कार्य में लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है – ठेकेदार, विभाग या निरीक्षण करने वाली एजेंसियाँ। सरकार द्वारा लाखों रुपये खर्च कर जनता की सुविधा के लिए बनाए जा रहे इस भवन की हालत अगर ऐसी ही रही, तो यह एक भ्रष्टाचार और लापरवाही का प्रतीक बनकर रह जाएगा।
> "हम जल्द ही इस मामले को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे और निर्माण कार्य की जांच की मांग करेंगे।" – स्थानीय नागरिक
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