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सरगुजा पुलिस की प्रेशर हॉर्न पर ताबड़तोड़ कार्रवाई: 25 बसों से वसूला 50 हजार का जुर्माना - कोरिया में भी हो सकती है कार्यवाही

 


अम्बिकापुर। शहर में प्रेशर हॉर्न के बढ़ते शोर और इससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर अंकुश लगाने के लिए सरगुजा पुलिस ने सख्त कदम उठाया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आईपीएस राजेश कुमार अग्रवाल के निर्देशन में यातायात पुलिस ने अंबिकापुर बस स्टैंड और प्रमुख मार्गों पर विशेष अभियान चलाकर 25 बसों में लगे प्रेशर हॉर्न हटवाए और चालकों पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया।प्रेशर हॉर्न की तेज आवाज न केवल राहगीरों और अन्य वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन रही थी, बल्कि कई मामलों में सुनने की क्षमता को भी प्रभावित कर रही थी। साथ ही, भीड़भाड़ वाले इलाकों में अचानक बजने वाले इन हॉर्न से वाहन चालकों का संतुलन बिगड़ने और दुर्घटना का खतरा भी बढ़ रहा था। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने यातायात पुलिस को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

अभियान में क्या हुआ...?

यातायात पुलिस की टीम ने बस स्टैंड और शहर के प्रमुख मार्गों पर भारी वाहनों, खासकर बसों में लगे हॉर्न की जांच की। इस दौरान अधिकांश बसों में प्रतिबंधित प्रेशर हॉर्न पाए गए। पुलिस ने चालकों को प्रेशर हॉर्न के दुष्प्रभाव और कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी। सभी 25 बसों से प्रेशर हॉर्न हटवाकर निर्धारित मानक आवाज वाले हॉर्न लगाने की हिदायत दी गई। साथ ही, प्रत्येक चालक से 2,000 रुपये का समन शुल्क वसूल कर कुल 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।

"दोबारा गलती पर होगी सख्त कार्रवाई"

यातायात पुलिस ने चालकों को चेतावनी दी कि यदि भविष्य में उनकी बसों में प्रेशर हॉर्न दोबारा पाया गया, तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने बताया कि प्रेशर हॉर्न का उपयोग न केवल यातायात नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह सड़क सुरक्षा के लिए भी खतरा है। चालकों को सामान्य हॉर्न का उपयोग करने की सलाह दी गई ताकि सड़क पर सुरक्षित और शांतिपूर्ण माहौल बना रहे।

अभियान में सक्रिय रही यातायात पुलिस

इस विशेष अभियान में यातायात शाखा प्रभारी उप निरीक्षक विजय कैवर्त, उप निरीक्षक अभय तिवारी, सहायक उप निरीक्षक सी.पी. सिंह, प्रधान आरक्षक विमल सिंह, आरक्षक इंद्रप्रताप, उमेश्वर पैकरा, नगर सैनिक रामदेव राम, विजय साहू, माउंट चालक नागेंद्र और चालक संदीप राजवाड़े ने सक्रिय भूमिका निभाई।

नागरिकों ने की सराहना

उक्ताशय की जानकारी सार्वजनिक होने पर जनचर्चाओ में स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि प्रेशर हॉर्न के शोर से न केवल परेशानी होती थी, बल्कि यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी खतरनाक था। पुलिस की इस पहल से शहर में शोर प्रदूषण में कमी और सड़क सुरक्षा में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।

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