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तोमर बंधुओं के अवैध वसूली रैकेट का भंडाफोड़, पुलिस ने दो सहयोगी किए गिरफ्तार


रायपुर,। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अवैध वसूली और सूदखोरी के बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस मामले में कुख्यात तोमर बंधुओं के दो करीबी सहयोगियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ये लोग ‘विस्टों फाइनेंस’ नाम से ग्रुप बनाकर अवैध ब्याज वसूली का नेटवर्क चला रहे थे, जिसमें करोड़ों रुपये के लेन-देन का खुलासा हुआ है।

एंटी क्राइम और साइबर यूनिट ने की कार्रवाई

पुलिस को जानकारी मिली थी कि तोमर बंधुओं के लिए काम करने वाले बंटी सहारे और जितेंद्र देवांगन उर्फ मोनू ब्याज के धंधे का संचालन कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट और थाना पुरानी बस्ती पुलिस की संयुक्त टीम ने छापा मारकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में बंटी सहारे ने बताया कि वह पिछले दो वर्षों से रोहित तोमर, वीरेंद्र तोमर और दिव्यांश के लिए ब्याज वसूली मैनेजर का काम कर रहा है। इसके लिए ‘विस्टों फाइनेंस’ नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था, जिसमें ब्याज की वसूली और हिसाब-किताब का पूरा लेखा-जोखा रखा जाता था। जो लोग ब्याज नहीं चुका पाते थे, उन्हें तोमर बंधु धमकाते थे। आरोपियों के कब्जे से मोबाइल जब्त पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक मोबाइल फोन जब्त कर लिया है। उनके खिलाफ थाना पुरानी बस्ती में अपराध क्रमांक 230/25 के तहत भारतीय दंड विधान की धारा 308(2), 111(1) और छत्तीसगढ़ ऋणियों का संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

गिरफ्तार आरोपी

1. बंटी सहारे पिता अशोक सहारे, उम्र 36 वर्ष, निवासी झंडा चौक, शिवनगर, चांगोराभाठा, थाना डीडी नगर, रायपुर।

2. जितेंद्र देवांगन उर्फ मोनू पिता बिसनाथ देवांगन, उम्र 24 वर्ष, निवासी शीतला पारा सिमगा, जिला बलौदा बाजार, हाल पता भगत सिंह चौक, थाना टिकरापारा, रायपुर। तोमर बंधुओं के एनकाउंटर की चर्चाएं तेज इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि तोमर बंधुओं की गिरफ्तारी नहीं होने से प्रदेशभर में जनाक्रोश है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस अब उनके एनकाउंटर पर भी विचार कर रही है। सोशल मीडिया पर भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं के साथ तोमर बंधुओं की तस्वीरें वायरल होने के बाद बीजेपी सरकार पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस लगातार आरोप लगा रही है कि प्रदेश में इन गुंडों को संरक्षण दिया गया है। तोमर बंधुओं का घर गिराने की तैयारी पुलिस प्रशासन ने तोमर बंधुओं के मकान को गिराने की सिफारिश कलेक्टर को भेज दी है। कलेक्टर के आदेश का इंतजार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि आदेश मिलते ही अवैध निर्माण ढहा दिया जाएगा।

प्रदेश की अस्मिता बचाने का मुद्दा बना मामला

प्रदेश में आम जनता और राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अगर ऐसे हिस्ट्रीशीटर पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ सकता है। फिलहाल रायपुर पुलिस की टीम फरार तोमर बंधुओं की पतासाजी में जुटी हुई है। अब देखना दिलचस्प होगा कि रायपुर कलेक्टर और प्रदेश सरकार इस पूरे मामले पर आगे क्या कदम उठाते हैं।

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