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कोरिया जिले में सड़क सुरक्षा और जनस्वास्थ्य की दिशा में नई पहल ग्राम सुरमी चौक में आयोजित हुआ नौवाँ नि:शुल्क नेत्र शिविर

प्रशासन और समाज की सहभागिता से बना अनुकरणीय उदाहरण



कोरिया। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में सड़क सुरक्षा और जनस्वास्थ्य को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन और परिवहन विभाग द्वारा एक विशेष नेत्र परीक्षण अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत 10 मई को ग्राम सुरमी चौक में नौवां नि:शुल्क नेत्र शिविर आयोजित किया गया। यह शिविर न केवल स्वास्थ्य सेवा का प्रतीक रहा, बल्कि जन-जागरूकता, सामाजिक सहभागिता और प्रशासनिक कुशलता का उत्कृष्ट उदाहरण भी बना। 01 से 22 मई तक चल रहे इस विशेष अभियान का मुख्य उद्देश्य वाहन चालकों की दृष्टि जांच कर उन्हें सुरक्षित वाहन संचालन के लिए प्रेरित करना है। विशेषज्ञों के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं के पीछे कमजोर दृष्टि एक प्रमुख कारण है। ऐसे में यह अभियान समय की आवश्यकता बन गया है। शिविर में कोरिया जिले सहित आसपास के क्षेत्रों से आए सैकड़ों वाहन चालकों की आंखों की जांच की गई। शिविर में वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ मोहसीन रज़ा व उनकी टीम द्वारा सभी चालकों की सावधानीपूर्वक जांच की गई। दृष्टिदोष पाए गए चालकों को मौके पर ही नि:शुल्क चश्मे और आवश्यक दवाएं प्रदान की गईं। इस पहल ने न केवल स्वास्थ्य सेवा को आमजन तक पहुंचाया, बल्कि चालकों में आत्मविश्वास भी बढ़ाया।
इस अभियान का नेतृत्व जिला परिवहन अधिकारी अनिल भगत कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि यह अभियान जिले के सभी प्रमुख क्षेत्रों में 22 मई तक चलाया जाएगा, ताकि कोई भी चालक इस सुविधा से वंचित न रह जाए। शिविर के आयोजन में सामाजिक संस्था ‘आर्थो वेलफेयर फाउंडेशन’ की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। संस्था के अध्यक्ष शकील अहमद और उनकी टीम मनोज कुमार मंडल, तरुण कुमार सिंह, कु. नंदनी, आकांक्षा गिद्ध , माही पंकज व पुलिस प्रशासन से निहाल मानिकपुरी, कमलेश कुमार व ग्राम सचिव बाबूलाल सिंह पूरे आयोजन के दौरान सक्रिय रहे और सभी व्यवस्थाओं का सफलतापूर्वक संचालन किया। शकील अहमद ने शिविर के दौरान अपने संबोधन में कहा, “दृष्टि की स्पष्टता केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य नहीं, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा का भी आधार है। प्रत्येक वाहन चालक को नियमित नेत्र जांच अवश्य करानी चाहिए।”इस प्रयास की स्थानीय नागरिकों और वाहन चालकों ने मुक्तकंठ से सराहना की। कई चालकों ने बताया कि आर्थिक सीमाओं के चलते वे नेत्र जांच नहीं करवा पाते थे और यह शिविर उनके लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ। लोगों ने प्रशासन और सामाजिक संगठनों के समन्वय की सराहना करते हुए भविष्य में भी इस प्रकार के शिविरों की अपेक्षा की। ग्राम सुरमी चौक में आयोजित यह शिविर इस बात का स्पष्ट संकेत है कि जब प्रशासन, सामाजिक संगठन और आमजन एक साथ आते हैं, तो किसी भी जनहित कार्यक्रम को जनांदोलन का स्वरूप दिया जा सकता है। कोरिया जिले की यह पहल निश्चित रूप से प्रदेश ही नहीं, देशभर के अन्य जिलों के लिए भी अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत करती है।

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