कोरिया। क्षेत्र में जारी हालिया पटवारी तबादला सूची ने लोगों के बीच चर्चा का माहौल बना दिया है। इस सूची में खरवत शरडी क्षेत्र के पटवारी का नाम शामिल होने से सवाल उठने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, संबंधित पटवारी का तबादला भूमाफियाओं के दबाव में किए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। बताया जा रहा है कि उक्त पटवारी ने कुछ शासकीय भूमि की चौहद्दी (सीमा निर्धारण) करने से यह कहते हुए मना कर दिया था कि भूमि सरकारी है और उस पर निजी नाम से सीमांकन या रजिस्ट्री नहीं की जा सकती।
सूत्रों का दावा है कि कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा इस भूमि पर कब्जा कर उसे निजी नाम पर रजिस्ट्री कराने की कोशिशें की जा रही थीं। जब पटवारी ने सरकारी भूमि को लेकर सख्त रुख अपनाया, तो कथित रूप से भूमाफियाओं ने उसे खुलेआम चेतावनी दी थी कि जल्द ही उसका तबादला करवा दिया जाएगा। अब जब तबादला सूची में उसका नाम शामिल हुआ है, तो चर्चाएं तेज हो गई हैं कि क्या वाकई भूमाफिया अपने मनमुताबिक निर्णय करवाने में सफल रहे हैं? स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में पहले भी कई बार शासकीय भूमि की गलत रजिस्ट्री हो चुकी है। इन मामलों की शिकायतें कलेक्टर कोरिया तक पहुंचाई गई हैं, लेकिन अब तक ऐसी किसी भी रजिस्ट्री को “हस्तांतरण निरस्त” की श्रेणी में नहीं लाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि ऐसे मामलों में समय रहते कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो शासकीय भूमि पर दोबारा कब्जे की कोशिशें तेज हो जाएंगी। नागरिकों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और शासकीय भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

0 टिप्पणियाँ