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बैकुंठपुर नगर पालिका की सफाई व्यवस्था पर सवाल — कर्मचारियों की फौज, फिर भी कचरे का अंबार

 


बैकुंठपुर। नगर पालिका परिषद में सफाई कर्मचारियों की संख्या डोर-टू-डोर, प्लेसमेंट और स्थायी कर्मचारियों को मिलाकर लगभग 80 के आसपास है, फिर भी बैकुंठपुर के शहरी क्षेत्र में कचरे का अंबार लगा हुआ है।


मात्र 6 रात्रिकालीन कर्मचारी संस्कृतिक भवन, स्कूलपारा से लेकर नए बस स्टैंड तक की सफाई रात में ही कर देते हैं, लेकिन इसके बावजूद शहर की गलियों और मोहल्लों में कचरे के ढेर और पन्नी-प्लास्टिक सड़क पर बिखरे देखे जा सकते हैं।


जानकारी के अनुसार, यहां के अधिकतर कर्मचारी केवल कागजों में सक्रिय हैं, जबकि जमीनी हकीकत में उनका कार्य दिखाई नहीं देता। सूत्र बताते हैं कि कई कर्मचारी मात्र 1 घंटे के लिए ड्यूटी में आते हैं, लेकिन उनकी हाजिरी पूरे समय की दर्ज होती है। सफाई व्यवस्था बिगड़ने का एक बड़ा कारण यह भी है कि जिम्मेदार अधिकारी फील्ड में जाकर स्थिति का निरीक्षण ही नहीं करते।

कुल मिलाकर, बैकुंठपुर नगर पालिका स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ा रहा है और प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन को ठेंगा दिखा रहा है। बाहरी टीम के निरीक्षण के समय कर्मचारी ड्रेस पहनकर दो दिन के लिए सफाई व्यवस्था सुधार लेते हैं, लेकिन टीम के जाते ही स्थिति फिर जस की तस हो जाती है।






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