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जिला अस्पताल बना कचरे का अड्डा! मेडिकल वेस्ट 4-5 दिन तक स्टोर, दुर्गंध से मरीज-स्टाफ बेहाल… प्रबंधक की मनमानी चरम पर

 



कोरिया। जिला चिकित्सालय कोरिया की व्यवस्था इन दिनों बुरी तरह चरमरा गई है। कुछ समय पहले कोरिया दर्पण ने खुलासा किया था कि अस्पताल का मेडिकल वेस्ट समय पर निस्तारित नहीं हो रहा और मरीज खुद कचरे की दुर्गंध व गंदगी से जूझ रहे हैं। अब इस मामले में एक और गंभीर अपडेट सामने आया है, जो साफ बताता है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही कम होने की बजाय और बढ़ गई है।



सूत्रों के अनुसार, अस्पताल का मेडिकल वेस्ट कचरा एक टीन के बने कमरे में कई दिनों तक जमा करके रखा जा रहा है, जिससे पूरे परिसर में असहनीय बदबू फैल रही है। यह वेस्ट संक्रमण फैलाने के साथ-साथ गंभीर बीमारियों को भी न्योता दे सकता है। नियम के मुताबिक, इस कचरे का प्रतिदिन निस्तारण होना चाहिए, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की मिलीभगत से कचरा उठाने वाले ठेकेदार इसे 3 से 4 दिन बाद ले जाते हैं। इससे आसपास का माहौल बेहद अस्वच्छ और खतरनाक बन गया है।


बीते दिनों कलेक्टर कोरिया का भी अस्पताल दौरा हुआ था, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से यह पूरी स्थिति उनसे छुपाई गई। कई कर्मचारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि अस्पताल प्रबंधक अपने कमरे से बाहर ही नहीं निकलते, जिससे उन्हें अस्पताल की वास्तविक स्थिति की कोई जानकारी नहीं रहती। यहां प्राथमिकता सिर्फ जीवनदीप समिति के निर्माण कार्यों को दी जा रही है, जबकि सफाई व्यवस्था पूरी तरह दरकिनार कर दी गई है।

इससे पहले जब मेडिकल वेस्ट को लेकर कोरिया दर्पण ने खबर चलाई थी, तब तत्काल कार्रवाई कर कचरा हटा दिया गया था। लेकिन कुछ ही दिनों बाद स्थिति फिर से वैसी ही हो गई। अब हालत यह है कि कचरा 4-5 दिन तक एक ही जगह जमा रहता है और उसकी बदबू मरीजों, स्टाफ और आसपास के लोगों को परेशान कर रही है। अस्पताल परिसर के आसपास साफ-सुथरा वातावरण होना चाहिए, लेकिन यहां का नजारा ठीक उल्टा है।


मेडिकल वेस्ट के अलावा भी अस्पताल की अन्य व्यवस्थाएं सवालों के घेरे में हैं। कभी स्टाफ से रंगोली बनवाना, तो कभी कार्यक्रम के दौरान साउंड सिस्टम की तेज आवाज से मरीजों को परेशान करना—ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं। सफाई और मरीजों की सुविधा जहां सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, वहां लापरवाही और मनमानी का बोलबाला है।


स्थानीय लोग और मरीजों के परिजन अब जिला प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर अस्पताल प्रबंधन और ठेकेदार की मिलीभगत खत्म नहीं की गई तो मेडिकल वेस्ट की यह समस्या भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य संकट का रूप ले सकती है। सवाल यह भी है कि आखिर कलेक्टर के दौरे के बावजूद इतनी बड़ी लापरवाही कैसे छुपाई जा रही है और इसके पीछे कौन से जिम्मेदार लोगों की भूमिका है।

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