कोरिया। श्रावण मास के तीसरे सोमवार को बैकुंठपुर प्रेमबाग स्थित शिव मंदिर के पास गेज नदी से जल भरकर बड़ी संख्या में कांवरिया छुरीगढ़ धाम की ओर रवाना हुए। शिवभक्ति के इस पावन अवसर पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल भी श्रद्धालुओं से मिलने पहुंचे और कांवरियों को शुभकामनाएं दीं। सांथ ही कावड यात्रा मे Short हुए।
हर वर्ष की तरह इस बार भी कांवरियों ने प्रेमाबाग गेज नदी से पवित्र जल भरकर छुरीगढ़ धाम में भगवान शिव के जलाभिषेक हेतु प्रस्थान किया। यह यात्रा श्रद्धा, आस्था और उल्लास का प्रतीक मानी जाती है। छुरीगढ़ धाम में इस दिन क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला भी आयोजित होता है, जहां सुरक्षा व्यवस्था के तहत पुलिस बल तैनात किया गया है।
शहर से लेकर मंदिर मार्ग तक कांवरियों के स्वागत में स्थानीय नागरिकों द्वारा फूल वर्षा की गई। लेकिन इसी दौरान एक सवाल भी खड़ा हो गया –
क्या सड़कों पर फूल बरसाना, फिर उनका पैरों से कुचला जाना, फूलों का अपमान नहीं है?
धर्मिक मान्यता के अनुसार फूल देवी-देवताओं के चरणों में अर्पित किए जाते हैं। ऐसे में कुछ धार्मिक विचारकों और श्रद्धालुओं ने सवाल उठाया है कि फूलों को सड़कों पर फेंकना उचित नहीं, यह उनकी पवित्रता और श्रद्धा का अपमान है। हालांकि, आमजन की ओर से यह भी तर्क दिया गया कि फूल वर्षा स्वागत और श्रद्धा की अभिव्यक्ति का माध्यम है, जिसका उद्देश्य कांवरियों का सम्मान करना है। बहरहाल, आस्था और परंपरा के बीच इस तरह के प्रश्न समाज को आत्ममंथन का अवसर जरूर देते हैं कि श्रद्धा को सही दिशा में कैसे प्रकट किया जाए।
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