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छत्तीसगढ़ में प्रतिनियुक्ति समाप्त, पर कोरिया में अब भी जारी: क्या कोरिया प्रशासन शासन के आदेशों से ऊपर?"


कोरिया । प्रदेश शासन द्वारा जारी सख्त निर्देशों के बाद भी कोरिया जिले में प्रतिनियुक्त कर्मचारियों को हटाने की प्रक्रिया ठप पड़ी है। छत्तीसगढ़ शासन ने सभी विभागों को 5 जून 2025 तक प्रतिनियुक्ति एवं संलग्निकरण को स्वतः समाप्त करने का आदेश दिया था, लेकिन कोरिया जिले में इस आदेश का खुला उल्लंघन हो रहा है। जानकारी के अनुसार, कोरिया कलेक्टर कार्यालय में सहायक के रूप में कार्यरत एक कर्मचारी लगभग 20 वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है, जबकि जल संसाधन विभाग के दो कर्मचारी आर.ई.एस. (ग्रामीण यांत्रिकी सेवा) विभाग में दो दशकों से पदस्थ हैं। शासन ने स्पष्ट किया है कि प्रतिनियुक्ति अधिकतम 3 वर्षों के लिए होती है, जिसे विशेष परिस्थितियों में 2 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। इसके बाद कर्मचारी को मूल विभाग में वापस भेजना अनिवार्य होता है। वहीं दूसरी ओर, जिले में कई ऐसे कर्मचारी हैं जिन्होंने स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण करवाया है, लेकिन उन्हें अब तक कार्यमुक्त नहीं किया गया। यह स्थिति न केवल शासन आदेशों की अवहेलना है, बल्कि प्रशासनिक भेदभाव और मनमानी को भी उजागर करती है। यह भी सामने आया है कि अन्य जिलों में प्रतिनियुक्त कर्मचारियों को हटाया जा चुका है, लेकिन कोरिया में यह प्रक्रिया या तो शुरू नहीं हुई या जानबूझकर रोकी जा रही है। इससे कई कर्मचारियों में रोष व्याप्त है, जो इसे पक्षपात मानते हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या कोरिया जिले में शासन के आदेश प्रभावहीन हो गए हैं, या कुछ अधिकारियों को इन आदेशों के पालन से छूट प्राप्त है।

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