सूरजपुर। जिले में पिछले एक सप्ताह से रुक-रुककर हो रही मूसलाधार बारिश ने नदी-नालों को उफान पर ला दिया है। कई जगहों पर पुलों के ऊपर से पानी बह रहा है। इस बीच, रामानुजनगर क्षेत्र के मोहनपुर आमाझरिया गांव से एक दुखद घटना सामने आई है, जहां उफनती झींक नदी को पार करने की कोशिश में 60 वर्षीय वृद्ध मोहन सोरी तेज बहाव में बह गए। उनके साथी, श्यामपुर के बांसपारा निवासी एक अन्य वृद्ध ने झाड़ी का सहारा लेकर अपनी जान बचा ली, लेकिन मोहन सोरी का अभी तक कोई पता नहीं चल सका है।घटना शुक्रवार करीब दोपहर 3 बजे की बताई जा रही है। ग्रामीणों की सूचना पर स्थानीय पुलिस और डीडीआरएफ की टीम शनिवार को घटनास्थल पर पहुंची और 200 मीटर के दायरे में व्यापक तलाशी अभियान चलाया, लेकिन देर शाम तक कोई सफलता नहीं मिली। अंधेरा होने के कारण खोजबीन रोक दी गई।
विधायक ने लिया जायजा, दिया पुल निर्माण का आश्वासन
रविवार को प्रेमनगर विधायक भूलन सिंह मरावी ने घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ित परिवार व ग्रामीणों के प्रति संवेदना व्यक्त की। ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि मोहनपुर आमाझरिया मोहल्ले में करीब 100 से अधिक घरों में 250 लोग रहते हैं, जिन्हें आवागमन के लिए झींक नदी को पार करना पड़ता है। बरसात के दिनों में यह जोखिम भरा हो जाता है। ग्रामीणों ने लंबे समय से नदी पर पुल निर्माण की मांग उठाई, जिसे विधायक ने गंभीरता से लिया। उन्होंने संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए और जल्द से जल्द समस्या के समाधान का आश्वासन दिया।
ग्रामीणों की व्यथा: जान जोखिम में डालकर नदी पार करने की मजबूरी
मोहनपुर के ग्रामीणों ने बताया कि नदी पर पुल न होने के कारण उन्हें हर साल बरसात में जान जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ता है। यह समस्या वर्षों से अनसुलझी है, जिसके कारण ऐसी दुर्घटनाएं होती रहती हैं। ग्रामीणों की इस पीड़ा को देखते हुए विधायक ने आश्वस्त किया कि वह इस मुद्दे को प्राथमिकता पर उठाएंगे और शीघ्र ही पुल निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
तलाशी अभियान जारी, प्रशासन सतर्क
पुलिस और रेस्क्यू टीम रविवार को फिर से तलाशी अभियान शुरू करने की तैयारी में है। जिला प्रशासन ने भी बारिश से उत्पन्न हालात पर नजर रखी है और लोगों से नदी-नालों को पार करने में सावधानी बरतने की अपील की है। इस दुखद घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमी को उजागर किया है, जिसका समाधान अब समय की मांग है।
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