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मध्यस्थता राष्ट्र ‘ अभियान को सफल बनाने के लिए प्रधान न्यायाधीश ने अधिवक्ता संघ ने ली बैठक


कोरिया। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं मध्यस्थता एवं सुलाह परामर्श समिति (एम.सी.पी.सी.) नई दिल्ली के मार्गदर्शन में तथा छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार प्रधान जिला न्यायाधीश /जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष शैलेश कुमार तिवारी ने ‘मध्यस्थता राष्ट्र के लिए अभियान के अंतर्गत न्यायालय में लंबित प्रकरणों को मध्यस्थता के माध्यम से निराकरण हेतु अधिवक्ता संघ बैकुण्ठपुर के साथ बैठक ली एस.ओ.पी. के अनुसार मध्यस्थता के माध्यम से लंबित प्रकरणों के निराकरण किये जाने के लिए 90 दिवस का समय सीमा निर्धारित किया गया है। राष्ट्र के लिए 01 जुलाई से 07 अक्टूबर तक अभियान चलाया जाना है। प्रधान जिला न्यायाधीश शैलेश कुमार तिवारी ने बैठक में कहा कि मध्यस्थता एक वैकल्पिक विवाद समाधान की प्रक्रिया है, जो न्यायिक प्रक्रिया से अलग है, जिसमें एक तीसरे स्वतंत्र व्यक्ति मध्यस्थ दो पक्षों के बीच अपने सहयोग से उनके समान हितों के लिए एक समझौते पर सहमत होने के लिए उन्हें तैयार करता है। जिसमें पक्षकार अपनी सहमति से लंबित प्रकरणों को सौहार्दपूर्ण निपटा सकते हैं। मध्यस्थता के माध्यम से दुर्घटना दावा, घरेलू हिंसा, ऋण वसूली, बेदखली संपत्ती विभाजन, भूमि अधिकरण सहित अन्य सिविल मामले एवं राजीनामा योग्य आपराधिक मामलों का निपटारा संभव है। बैठक में प्रधान जिला न्यायाधीश ने मध्यस्थता कार्यवाही में आने वाली समस्याओं के संबंध में अधिवक्तागण से चर्चा किया और अधिक से अधिक न्यायालय में लंबित प्रकरणों को मध्यस्थता के माध्यम से निराकरण किये जाने का अपील किया। अधिवक्ता संघ के द्वारा उक्त अभियान को सफल बनाने हेतु पर्याप्त सहयोग दिये जाने का आश्वासन दिया। उक्त बैठक में विशेष न्यायाधीश बैकुण्ठपुर, आशीष पाठक, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश  समीर कुजूर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अमृता दिनेश मिश्रा, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बी.पी. मोहन्ती, सचिव मृत्युंजय तिवारी, अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी, समस्त अधिवक्ता एवं लीगल डिफेंस सिस्टम के चीफ अजय सिंह, डिप्टी एवं असिस्टेंट उपस्थित रहे।

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