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10 लाख का एक टीवी! आदिवासी विकास विभाग में करोड़ों का घोटाला उजागर – कोरिया की फर्म से हुई खरीदी, सोशल मीडिया में वायरल हुए बिल-कोटेशन

 स्मार्ट पढ़ाई के नाम पर स्मार्ट टीवी घोटाला



कोरिया/सरगुजा। छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में आदिवासी विकास विभाग से एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। 'जग घोटाले' की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि अब 'स्मार्ट टीवी घोटाला' सुर्खियों में आ गया है। सोशल मीडिया में वायरल दस्तावेजों और कोटेशन के अनुसार, विभाग द्वारा 5 नग 86 इंच के सॉलिटेयर इंटरएक्टिव पैनल टीवी 9,99,500 रुपये प्रति नग की दर से कुल 49,97,500 रुपये में खरीदे गए हैं।

बाजार में वही टीवी डेढ़ लाख तक उपलब्ध




वायरल कोटेशन के अनुसार, यही उत्पाद – सॉलिटेयर 86 इंच इंटरएक्टिव फ्लैट पैनल विथ सीपीयू (3 साल की वारंटी सहित) – बाजार में 1,45,000 से 1,59,990 रुपये में उपलब्ध है। इसका सीधा मतलब है कि विभाग द्वारा खरीदी गई दर वास्तविक बाजार मूल्य से करीब छह गुना अधिक है।

जेम पोर्टल से हुई खरीदी, कोरिया की फर्म को मिला ठेका

यह खरीदारी जेम पोर्टल के माध्यम से की गई है। बिल के अनुसार, विक्रेता फर्म का नाम Bagalamukhi Enterprises Pvt. Ltd. है, जिसका संचालन दीनदयाल सोनी के द्वारा प्रेमाबाग रोड, जामपारा, बैकुंठपुर, जिला कोरिया से किया जाता है।

घोटाले के खिलाफ विपक्ष हुआ मुखर

यह मामला जैसे ही वायरल हुआ, कांग्रेस ने इसे तत्काल लपकते हुए सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप मढ़ दिया है। कोरबा, कोरिया और सरगुजा क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए इसे "स्मार्ट घोटालों की श्रृंखला" का हिस्सा बताया।

विभाग में मचा हड़कंप

इस पूरे प्रकरण के उजागर होने के बाद आदिवासी विकास विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि यह स्मार्ट टीवी स्मार्ट पढ़ाई के नाम पर खरीदे गए थे, लेकिन कीमतों को लेकर जो विसंगति सामने आई है, वह जांच का विषय बन गई है।

सवालों के घेरे में विभाग

आखिर क्यों विभाग ने छह गुना अधिक कीमत पर टीवी खरीदी?
क्या टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी थी?
क्या यह मिलीभगत का मामला है?

अब देखना यह होगा कि विभाग या सरकार इस पूरे मामले में क्या स्पष्टीकरण देती है और क्या जांच या कार्रवाई की घोषणा होती है।

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