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संलग्निकरण के आदेश का नही हो रहा जिले मे पालन, आदेश के बाद भी कर्मचारियों को नही भेजा जा रहा मूल कार्यालय




कोरिया। छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा संलग्निकरण पूर्णतः खत्म कर दिया गया है, सरकार के आदेश का पालन कोरिया जिले मे नही किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के द्वारा स्थानांतरण करने का आदेश जारी किया है सांथ ही कहा गया है कि संलग्निकरण खत्म किया जाये जो अपने मूल कार्यालयों से दुसरे कार्यालयों मे संलग्न है उन कर्मचारियों को तत्काल मूल कार्यालय भेजा जाए सांथ ही 5 जुन को स्वतः ही संलग्निकरण का आदेस्त समाप्त माना जाए लेकिन कोरिया जिले मे छत्तीसगढ़ सरकार के आदेश का पालन नही हो रहा है, आवेदक के द्वारा शिकायत पोर्टल मे शिकायत किया गया था की जितने भी शिक्षा विभाग के कर्मचारी अन्य कार्यालयों मे संलग्न किये गए है खासकर राजस्व विभाग मे ऐसे कर्मचारियों को मूल विभाग भेजा जाए, शिकायत के उपरांत जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा पत्र जारी किया गया की शिक्षा विभाग के संलग्न कर्मचारियों को मूल पद शिक्षा विभाग मे वापस किया जाए 29 अप्रैल 2025 को लेकिन एक माह बाद भी कर्मचारियों को वापस नही भेजा गया है, जबकि छत्तीसगढ़ सरकार का आदेश भी जारी हो गया है संलग्निकरण खत्म करने का इसके बाद भी कोरिया जिला अधिकारियों के द्वारा शासन के आदेश को दर्किनार किया जा रहा है। जानकारों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यदि जिले के अधिकारी के आदेश का पलन दुसरे विभाग के अधिकारी नही करते है तो यह भारतीय दंड संहिता की धारा 166 एवं छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन माना जाता है। एक आवेदक के द्वारा कलेक्टर कोरिया को आवेदन दिया गया है की जिले मे राजस्व विभाग, जल संसाधन विभाग, आरइएस विभाग मे संलग्न हो कर कारवय कर रहे अन्य कार्यालय के कर्मचारियों को तत्काल उनके मूल कारवयालय मे वापस भेजा जाए। आवेदक का कहना था की वर्तमान समय मे हमारे द्वारा कलेक्टर कोरिया को लिखित शिकायत की गई है यदि 15 दिनों के अंदर कार्यवाही नही होती है तो सरसगुजा संभागायुक्त कार्यालय सहित मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को शिकायत करेंगे तद्पश्चात न्यायालय की शरण लेगें। इसी प्रकार से बैकुण्ठपुर जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कटकोना के सचिव की लिखित शिकायत भी कलेक्टर कारवयालय सहित सुशासन तिहार मे किया गया है, लिखित शिकायत के आधार पर जिला पंचायत के अधिकारियों के द्वारा जांच किया गया है और ग्राम सचिव गणेश राजवाडे जांच मे गलत पाए गए है इसके बाद भी अधिकारियों की मेहरबानी बनी हुई है की कार्यवाही नही की जा रही है, जबकि तीन सचिवों को निलंबित कर दिया गया है। 

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