जल संरक्षण व कृषि नवाचार पर दिया गया जोर
कलेक्टर और जन- प्रतिनिधियों ने किया हितग्राही सामग्री का वितरण
कोरिया। सुशासन तिहार के तृतीय और अंतिम चरण के अंतर्गत शनिवार को बैकुण्ठपुर विकासखंड के ग्राम जमगहना में समाधान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में ग्राम आनी, उरूमदुगा, भांडी, खांडा, महोरा, मुरमा, पूटा, अंगा, कटकोना, डकईपारा, चम्पाझर, जनकपुर और रामपुर-ज से बड़ी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति रही। शिविर में कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी, जिला पंचायत अध्यक्ष मोहित पैकरा एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। कलेक्टर श्रीमती त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जिले में सुशासन तिहार का पहला चरण 8 से 11 अप्रैल तक चला, जिसमें ग्रामीणों से आवेदन लिए गए। दूसरे चरण में त्वरित समाधान किया गया और तीसरे चरण के अंतर्गत 5 से 31 मई तक समाधान शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों के माध्यम से प्राप्त आवेदनों पर की गई कार्यवाही के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि सुशासन तिहार से आ नागरिकों को प्रत्यक्ष और परोक्ष लाभ मिला है। कलेक्टर व जनप्रतिनिधियों ने समाधान शिविर में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हितग्राही मूलक सामग्रियों का वितरण किया। स्वामित्व योजना के तहत 3 हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख, 2 हितग्राहियों को ऋण पुस्तिका, 6 छात्रों को जाति प्रमाण पत्र, 9 छात्रों को जन्म प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इसके अलावा मछली जाल, आयुष्मान कार्ड, चेक राशि आदि भी प्रदान किए गए। जल संरक्षण और ‘मोर गांव मोर पानी’ अभियान के सम्बंध में कलेक्टर ने जल संरक्षण के महत्व पर बल देते हुए बताया कि जिले में आवा पानी झोंकी अभियान चलाया जा रहा है। 29 मई को जनभागीदारी से 660 सोख्ता गड्ढों का निर्माण कर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में कोरिया का नाम दर्ज हुआ है। किसानों से अपील की गई कि वे खेतों में 5 प्रतिशत मॉडल के तहत सीढ़ीनुमा सोख्ता गड्ढे बनाएं ताकि भूजल स्तर धरती के अंदर जा सके, जल सुरक्षित व संरक्षित रह सके।
कृषि विविधीकरण और मधुमक्खी पालन पर जोर
कलेक्टर श्रीमती त्रिपाठी ने किसानों से सिर्फ धान पर निर्भर न रहकर दलहन, तिलहन, फल-सब्जी की खेती अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि कोरिया की पहचान ‘सोनहनी शहद’ के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर बनी है, जिसका उल्लेख स्वयं प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में किया। मधुमक्खी पालन में रोजगार की बड़ी संभावना है।
पर्यावरण और शिक्षा को लेकर संकल्प
ग्रामीणों को बेटियों की शिक्षा को प्राथमिकता देने और बेटियों के नाम 5 पौधे तथा माँ के नाम एक पेड़ लगाने का संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया गया। समाधान शिविर में उपस्थित विभागीय अधिकारियों ने शासन की योजनाओं की जानकारी दी और ग्रामीणों को उनसे लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
शिविर में जिला पंचायत सदस्यों, जनपद सदस्यों, पंच-सरपंच एवं अधिकारी, कर्मचारी व बड़ी संख्या में ग्रामीण, हितग्राही, लाभार्थी उपस्थित थे।
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