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कलेक्टर कोरिया पहूंची तहसील व अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय बैकुण्ठपुर जमकर लगाई अधिकारी कर्मचारी फटकार

 


कोरिया। कलेक्टर कोरिया श्रीमती चंदन त्रिपाठी बुधवार को बैकुण्ठपुर तहसील कार्यालय पहूंची, कलेक्टर कोरिया को अचानक कार्यालय मे देख सभी कर्मचारियों की सांसे बंद हो गई थी, कलेक्टर कोरिया तहसील कार्यालय पहूंच कर सभी फाईलों को बारीकी से अच्छी तथा समस्त प्रकरण को ऑनलाइन करने का निर्देश दिए वही एक आवेदक को नकल नहीं मिल रहा था जिस पर आवेदक तत्काल कलेक्टर कोरिया के पास पहुंचा और उनसे शिकायत की की लगातार कई दिनों से उसे नकल नहीं दिया जा रहा है जिस पर कलेक्टर कोरिया ने तत्काल आदेश दिया कि इनका नकल निकल जाए इस पर बैकुंठपुर के नायब तहसीलदार ने स्वयं फाइल खोजी और 10 मिनट के अंदर ही उक्त आवेदक को नकल दिल दिया गया जबकि कुछ लोगों को वहां एक-एक साल लग जाते हैं नकल नहीं मिल पाता है लेकिन कलेक्टर कोरिया के बोलने से 10 मिनट में ही नकल आवेदक को प्राप्त हो गया कलेक्टर कोरिया की आवेदक ने जमकर प्रशंसा की।

अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बैकुण्ठपुर कार्यालय पहुंची कलेक्टर जमकर हुआ बबाल


कलेक्टर कोरिया श्रीमती चंदन त्रिपाठी तहसील कार्यालय से सीधे बैकुंठपुर एसडीएम कार्यालय पहुंची इस दौरान कार्यालय पहुंचते ही कलेक्टर ने संबंधित आवेदकों के समस्त फाइलों की जानकारी ली तथा सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक राजस्व विभाग के समस्त फाइलों के ऑनलाइन की जानकारी ली जिस पर आधे से अधिक फाइल ऑनलाइन नहीं हुए थे इस पर उन्होंने रीडर की जमकर क्लास भी ली, कलेक्टर कोरिया मे सुशासन तिहार की शिकायतों मे सबसे ज्यादा शिकायतें राजस्व विभाग से संबंधित है, जिसका नतिजा आज यह हुआ की कलेक्टर स्वयं स्थिति देखने कार्यालय पहूंची, कार्यालय पहूंच कर शिकायतों के आधार पर ही देगा गया की शिकायत लगभग सही है, कलेक्टर ने रीडर की जमकर क्लास ली सांथ ही बैकुण्ठपुर एसडीएम को भी समस्त प्रकरणों को ओनलाईन कराने के निर्देश दिये है। कलेक्टर कोरिया के जांच के दौरान यह जानकारी नही दी गई कि कार्यालय मे चुनाव कारवय के लिए भेजे गए कर्मचारी से ऋटी सुधार कार्य कराया जा रहा है सांथ ही जाति निवास बनाने की जवाबदारी भी उक्त कर्मचारी को दी गई है, तत्कालिन जिला पंचायत अधिकारी एमसीबी जब कोरिया बैकुण्ठपुर एसडीएम थी तब उक्त कर्मचारी की शिकायत के आधार पर जाति निवास बनाने का कार्य एसडीएम कार्यालय कर्मचारी को दे दिया गया था, सुत्रों की माने तो चुनाव कार्य के लिए आए कर्मचारी पर रिश्वत लेकर जाति निवास प्रमाण पत्र अधिकारी को धोखे मे रख कर बनाने की शिकायत हुई थी, लेकिन जैसे ही एसडीए का तबादला हुआ इधर उक्त कर्मचारी का भी तबादल हुई है और एक नही दो दो विभाग सौप दिये गए। स्थाई जाति निवास, डीजल व मुवावजा रकम को लेकर सुचना के अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन भी लगाया गया है एसडीएम कार्यालय मे लेकिन अबतक रीडर व संबंधित कर्मचारी के द्वारा आवेदक को जानकारी प्रदान नही कराई गई है। फिलहाल कलेक्टर कोरिया के इस कडे रुख के बाद देखना होगा की हमेशा की तरह आवेदको को तारीख पर तारीख मिलती है या फिर मामले का निराकरण भी होगा। अगला अंक

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