अम्बिकापुर। देशभर में लगातार एसी स्लीपर बसों में आग लगने की घटनाओं के बाद यात्री सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग सख्त हो गया है। इसी कड़ी में अम्बिकापुर में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी विनय सोनी की अगुवाई में उड़नदस्ता टीम ने गुरुवार देर शाम बस स्टैंड में औचक जांच अभियान चलाया। जांच के दौरान करीब 15 एसी डीलक्स और सेमी-डीलक्स स्लीपर बसें सुरक्षा मानकों में फेल पाई गईं। कई बसों में फायर एक्सटिंग्विशर ही नहीं मिले, और जहां मिले वे एक्सपायर पाए गए। वहीं, इमरजेंसी गेट नट-बोल्ट से कसकर बंद मिले, जिससे आपात स्थिति में यात्रियों का बाहर निकलना नामुमकिन हो जाता। फर्स्ट-एड बॉक्स में भी एक्सपायर्ड दवाएं पाई गईं। टीम ने सीट, बर्थ और इलेक्ट्रिकल वायरिंग तक की बारीकी से जांच की। कई बसों में ढीली वायरिंग और इंजन कंपार्टमेंट में धूल-मिट्टी जमी मिली, जो आग लगने का बड़ा कारण बन सकती है। इन कमियों से बस मालिकों की गंभीर लापरवाही उजागर हुई। सभी को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर सुधार के निर्देश दिए गए हैं।
यात्रियों की जान से खिलवाड़ न हो, इसलिए सख्ती जरूरी: आरटीओ विनय सोनी
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी विनय सोनी ने बताया कि इन बसों की स्थिति यात्रियों की जान को जोखिम में डालने वाली है। सभी वाहन मालिकों को नोटिस जारी किया गया है, और यदि एक सप्ताह में फायर सेफ्टी, इमरजेंसी गेट व मेडिकल किट दुरुस्त नहीं की गई, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “भविष्य में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब लगातार ऐसी चेकिंग होगी और नियम तोड़ने वालों पर चालानी कार्रवाई के साथ परमिट तक रद्द किया जा सकता है।”
बस मालिकों में मचा हड़कंप
औचक जांच से बस ऑपरेटरों में हड़कंप मच गया है। कई ऑपरेटरों ने मौके पर ही सुरक्षा उपकरण खरीदने और सुधार कार्य शुरू कर दिए। इस कार्रवाई से यात्रियों में राहत की भावना बढ़ी है कि अब बस यात्रा में सुरक्षा को लेकर सख्ती बरती जाएगी और लापरवाही की जगह व्यवस्था चलेगी।

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