कोरिया। शहर के हृदय स्थल पर स्थित टुरा टुरी बगिया, जो कभी बैकुंठपुर की शान हुआ करता था, आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। इंदिरा पार्क के बाद यह इकलौता ऐसा स्थल बचा था जहाँ लोग घूमने और बच्चों को खेलने जाया करते थे। लेकिन अब इसकी हालत इतनी खराब हो चुकी है कि इसे पार्क कहना भी मुश्किल हो गया है।
यह चिल्ड्रन पार्क बैकुंठपुर के जोड़ा तालाब, पैलेस रोड पर स्थित है। पार्क में महीनों से न तो घास की कटाई हुई है, न ही पेड़ों की छंटाई। सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। पार्क के पास स्थित दो बड़े तालाबों के चलते यहाँ छोटे-छोटे साँपों का जमावड़ा बना रहता है, जिससे बच्चों की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह पार्क कई महीनों, बल्कि शायद वर्षों से आम लोगों के लिए खोला ही नहीं गया है। इसके मुख्य द्वार बंद पड़े रहते हैं और अंदर की स्थिति जर्जर हो चुकी है। झूले टूट चुके हैं, बेंचें जंग खा गई हैं और हरियाली अब कूड़े-कचरे में बदल चुकी है।
नगरपालिका के अधीन आने के बावजूद पार्क की यह हालत जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उदासीनता को उजागर करती है। ऐसा लगता है मानो उन्होंने आंखों पर पट्टी बांध ली है और शहर के इस प्रमुख स्थल की बदहाली से कोई सरोकार नहीं है।
स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि टुरा टुरी बगिया की जल्द मरम्मत कर इसे आम जनता—विशेषकर बच्चों—के लिए फिर से सुरक्षित और स्वच्छ बनाया जाए। साथ ही नियमित देखरेख और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि यह स्थान फिर से शहर की पहचान और गौरव बन सके।
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