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16-17 जुलाई को ठप रहेंगी स्वास्थ्य सेवाएं: NHM के 16 हजार संविदा कर्मचारी हड़ताल पर


सूरजपुर। राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 16 और 17 जुलाई को हड़ताल पर रहेंगे। इस आंदोलन से टीबी, मलेरिया, टीकाकरण, लैब जांच, दवा वितरण, नवजात शिशु देखभाल, पोषण पुनर्वास केंद्र और आयुष्मान ओपीडी जैसी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी। प्रदेश में कार्यरत चिकित्सा स्टाफ का 35% हिस्सा NHM संविदा कर्मचारियों का है, जिसके चलते वैकल्पिक व्यवस्था करना शासन के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।  छग प्रदेश NHM कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने बताया कि 20 साल से NHM के तहत शहरों से सुदूर गांवों तक स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं, लेकिन कर्मचारियों को बेहतर वेतन, अनुकंपा नियुक्ति, जॉब सिक्योरिटी, पेंशन स्कीम, दुर्घटना बीमा जैसी सुविधाओं से वंचित रखा गया है। पड़ोसी राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में ये सुविधाएं उपलब्ध हैं, मगर छत्तीसगढ़ में स्थिति जस की तस है। प्रदेश महासचिव कौशलेश तिवारी ने कहा कि 2017 और 2020 में भी आंदोलन हुए, लेकिन न BJP और न ही कांग्रेस सरकार ने मांगें पूरी कीं। वर्तमान BJP सरकार की 'मोदी की गारंटी' में किए वादे भी खोखले साबित हुए। इस साल मई में मजदूर दिवस पर प्रदर्शन के बाद सरकार ने एक माह में समाधान का आश्वासन दिया, जो पूरा नहीं हुआ। पूर्व अध्यक्ष हेमंत सिन्हा ने सवाल उठाया कि कोरोना योद्धाओं का सम्मान पाने वाले इन कर्मचारियों की अनदेखी क्यों की जा रही है..? उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि कर्मचारियों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा दी जाए। इसके साथ ही जिलाध्यक्ष बृजलाल पटेल ने चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। प्रदेश अध्यक्ष ने जनता से असुविधा के लिए खेद जताया और शासन-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।

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