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हाशिए पर मौजूद वर्गों तक न्याय और सुविधा पहुंचाने की पहल, सभी विभागों को मिली जिम्मेदारी

जागृति, संवाद, डान, साथी और आशा योजनाओं पर जिला न्यायालय में कार्यशाला आयोजित



कोरिया।
 राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA), नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय योजना 2025 के अंतर्गत जागृति, संवाद, डान, साथी और आशा योजनाओं पर केंद्रित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायालय, बैकुण्ठपुर के सभागार कक्ष में किया गया। यह कार्यशाला प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मो. रिजवान खान के नेतृत्व में सम्पन्न हुई। कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के हाशिए पर रहने वाले कमजोर वर्गों जैसे आदिवासी, विमुक्त व घुमंतू जनजातियों, नशा पीड़ितों, बाल विवाह की शिकार बच्चियों और निराश्रित बच्चों को न्याय एवं आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित कराना है।

सभी विभागों को मिली अहम भूमिका


इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर एक संयुक्त यूनिट का गठन किया गया है। इसमें कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत व नगर पालिका के सीईओ, समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, बाल संरक्षण इकाई, किशोर न्याय बोर्ड, एलएडीसीएस अधिवक्ता, ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों सहित मनोचिकित्सक और औषधि नियंत्रण अधिकारी को शामिल किया गया है। कार्यक्रम में कलेक्टर कोरिया श्रीमती चंदन  त्रिपाठी, कलेक्टर मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर डी.के. राहूल वेंकट, पुलिस अधीक्षक कोरिया रवि कुमार कुर्रे, पुलिस अधीक्षक मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर चन्द्रमोहन सिंह, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट साक्षी दीक्षित, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अमृता दिनेश मिश्रा समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

न्यायपालिका की पहल को मिलेगा प्रशासनिक सहयोग
कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री खान ने कहा कि ‘इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचाना है। सभी विभागों को एक मंच पर लाकर समन्वय के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। इस दौरान दोनों जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों ने योजनाओं के क्रियान्वयन में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

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