कोरिया। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार द्वारा उच्चतम न्यायालय के रीट-पीटिशन सुकन्या संस्था विरूद्ध यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य में परित निर्णय के परिपालन में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मो. रिजवान खान, कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक रवि कुमार कुर्रे, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट साक्षी दीक्षित, सचिव डी.एल.एस.ए., अमृता दिनेश मिश्रा, विजिटर बोर्ड के अन्य सदस्यों के द्वारा जिला जेल बैकुण्ठपुर का निरीक्षण किया गया और साथ ही जानकारी ली गयी कि जिला जेल बैकुण्ठपुर में जाति आधारित भेदभाव या अन्य भेद-भाव पूर्ण प्रथाएं अभी भी जेलों के अंदर तो नही हो रही। निरीक्षण के दौरान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के द्वारा बंदियों के जेल में निरूद्ध रहने के दौरान मिलने वाली अधिकारों एवं अन्य मूलभुत सुविधाओं की जानकारी ली गयी। यह भी सुनिश्चित किया गया कि सभी कैदियों को समय पर विधिक सेवाएँ उपलब्ध कराये जायें ताकि उनके साथ किसी भी प्रकार के भेदभाव न हो, निरीक्षण के दौरान जिला जेल से संबंधित इम्फ्राइस्ट्रेक्चर, बंदियों के बैरक, बंदियों के उपयोग हेतु जेल में बने शौचालय की स्थिति, उसकी साफ सफाई की समीक्षा की गयी। प्रधान जिला न्यायाधीश एवं कलेक्टर बैकुण्ठपुर ने बंदियों को दी जा रही भोजन की गुणवत्ता का जांच किया, बंदियों से मिलकर उनके समस्याओं को सुना, साथ ही जेल में स्थापित लीगल एड क्लिनिक में उपलब्ध सुविधा एवं लीगल एड क्लिनिक के माध्यम से बंदियों को दी जा रही सुविधाओं का निरीक्षण किया। निरीक्षण में विजिटर बोर्ड के सदस्य मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्या अधिकारी डा. प्रशांत सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी जितेन्द्र कुमार गुप्ता, उपसंचालक समाज कल्याण आलोक भवाल, जिला रोजगार अधिकारी उमेश कुमार पटेल (डिप्टी कलेक्टर) एवं महाप्रबंध जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र बैकुण्ठपुर एम. बडा, विजिटिंग लॉयर अजय कुमार सिंह एवं जेल अधिकार मित्र अजय राजवाडें उपस्थित थे।
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