जशपुर। पुलिस ने ऑपरेशन अंकुश के तहत पेशी के बाद लौटने के दौरान फरार हुए आरोपी रितेश प्रताप सिंह को सरबकोम्बो बादल खोल जंगल से धर दबोचा है। आरोपी को पकड़ने में आरक्षक बसंत खुटिया की अहम भूमिका रही। गौरतलब है कि दो जून को आरोपी रितेश प्रताप सिंह जिला जेल से पेशी पर कुनकुरी ले जाया गया था, जहां से वापसी के दौरान वह लोरो घाट में चलती बस से कूदकर फरार हो गया था। इस लापरवाही पर एसएसपी आईपीएस शशि मोहन सिंह ने पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था।फरारी के बाद एसएसपी ने स्पेशल टीम गठित कर आरोपी को पकड़ने निर्देश जारी किया था। टीम लगातार संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी। इसी बीच मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी सरबकोम्बो बादल खोल जंगल में छिपा है और भागने की फिराक में है। सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के खिलाफ नारायणपुर थाने में दुष्कर्म, मारपीट और पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है। आरोपी ने 2023 में एक नाबालिग लड़की को शादी का झांसा देकर भगाया था। जेल से छूटने के बाद उसने फिर उसी लड़की को बहला-फुसलाकर अगवा किया और बादल खोल जंगल में ले जाकर मारपीट की। कुनकुरी व नारायणपुर में भी उसने लड़की को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, सिगरेट से जलाया और दांत से काटा था। लड़की किसी तरह जान बचाकर भागी थी। पुलिस ने आरोपी को 20 मई को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन वह पेशी के दौरान फरार हो गया था। उसकी गिरफ्तारी में निरीक्षक संतलाल आयाम, कृष्ण कुमार साहू, प्रधान आरक्षक मोहन बंजारे, आरक्षक बसंत खुटिया, विनोद राम, सुरेंद्र निराला, याकूब एक्का व आनंद खलखो की भूमिका सराहनीय रही। एसएसपी ने आरोपी को पकड़ने में उत्कृष्ट कार्य के लिए निरीक्षक संतलाल आयाम व आरक्षक बसंत खुटिया को नगद इनाम देने की घोषणा की है।
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