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बंदर की मौत से मचा बवाल, वन कर्मी केवल दो बांस के डंडे लेकर पहूंचे, मुख्यमंत्री को शिकायत

बंदर की मौत से गौ रक्षक दुखी



कोरिया। बुधवार को हाई स्कूल मैदान मे एक बंदर को कुछ आवारा कुत्तों ने काट लिया, इसकी जानकारी गौ रक्षक अनुराग दुबे को दी गई, अनुराग दुबे मौके पर पहूंचे और तुरन्त वन विभाग सहित पशु विभाग के डाक्टरों को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन पशु विभाग के डाक्टर व वन अमला तो शासकीय कर्मचारी है उन्हे महिने मे अपने वेतन से मतलब है, जब सोसल मीडिया ग्रुप मे इस दुर्घटना की जानकारी दी गई तब आनन फानन मे पशु विभाग के कर्मचारी लगभग आधे घंटे बाद पहुंचा वहीं 1 घंटे बाद वन विभाग की टीम पहुंची इस दौरान अनुराग दुबे लगातार सभी के संपर्क में रहे जिस बंदर को कुत्ते ने काटा था उसे घायल बंदर को अनुराग दुबे व नगर पालिका की टीम पकड़ने का प्रयास कर रही थी लेकिन बंदर को पकड़ नहीं सके वहीं जब मौके पर 1 घंटे लेट वन विभाग की टीम पहुंची तो वह भी बिना संसाधन के पहुंची जबकि सरकार वन विभाग को समस्त संसाधन उपलब्ध कराता है जानवरों की रक्षा के लिए लेकिन यहां तो एक बंदर की रक्षा भी वन विभाग कमला नहीं कर पाया और आवारा कुत्ते जिस बंदर को काटे थे घायल बंदर को रेबीज का इंजेक्शन भी नहीं लग सका, वही लेट पहुंचे पशु विभाग के डॉक्टर ने अनुराग दुबे को बताया कि एक मनुष्य को जब आवारा कुत्ते काटते हैं तो लगभग 12 घंटे के अंदर रेबीज का इंजेक्शन लगाना जरूरी होता है।



वहीं यदि किसी जानवर को कुत्ते काट ले तो उन्हें 6 घंटे में ही रेबीज इंजेक्शन देना चाहिए। इस दौरान अनुराग दुबे व नगर पालिका की टीम प्रयास करती रही कि घायल बंदर को पकड़े और उसे इंजेक्शन लगे लेकिन उनकी कोशिश नाकाम रही और वन विभाग केवल मुख्य दर्शक बनकर देखता रहा। 1 घंटे लेट पहुंचा वन विभाग केवल दो बांस के डंडे ही लेकर आया था यह बड़ी बात देखने को वहां मिली कि एक घायल बंदर को बचाने के लिए वन विभाग किसी प्रकार से सक्रिय नहीं रहा अंत में अनुराग दुबे ने जानकारी दी कि घायल बंदर की मौत हो गई इस पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए अनुराग दुबे के द्वारा बताया कि वन विभाग की शिकायत छ.ग. शासन के मुख्यमंत्री को भी की गई है।

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