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हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन सख्त: तालाब की जमीन से अवैध कब्जा हटाने की तैयारी तेज, विरोध के बीच 30 मई तक मिली राहत


अम्बिकापुर। शहर में आज तालाब की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर जिला प्रशासन और नगर निगम ने सख्त रुख अपनाया है। नेहरू वार्ड में सत्ती मंदिर के पास बने अवैध मकान को हटाने के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। हालांकि, स्थानीय नेताओं और आम लोगों के भारी विरोध के चलते टीम को बैरंग लौटना पड़ा। जिला प्रशासन ने मकान मालिक को दो दिन के भीतर घर खाली करने का अल्टीमेटम दिया है, लेकिन कांग्रेस नेता आदित्यायेश्वर शरण सिंह देव के हस्तक्षेप के बाद प्रशासन ने 30 मई तक का समय दे दिया। बहरहाल इस घटना ने अम्बिकापुर शहर सहित आसपास क्षेत्रों में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के मुद्दे को फिर से गरमा दिया है। अब देखना यह है कि 30 मई के बाद प्रशासन का अगला कदम क्या होगा और क्या इस मामले में कोई बीच का रास्ता निकल पाएगा।


हाईकोर्ट का सख्त आदेश, प्रशासन की कार्रवाई

शहर के नेहरू वार्ड में सत्ती मंदिर के पास तालाब की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से मकान बनाए जाने का मामला लंबे समय से चर्चा में था। आज सुबह जिला प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची। टीम में शामिल राजस्व अधिकारियों और नगर निगम के कर्मचारियों ने अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही बुलडोजर और अन्य उपकरणों के साथ कार्रवाई शुरू हुई, स्थानीय लोगों और नेताओं ने इसका तीखा विरोध किया।

 स्थानीय लोगों का विरोध, आदित्यायेश्वर सिंह का हस्तक्षेप 

स्थानीय लोगों ने प्रशासन की कार्रवाई को अनुचित बताते हुए विरोध जताया। उनका कहना था कि मकान में कई सालों से परिवार रह रहा है और अचानक कार्रवाई से उन्हें बेघर होने का डर सता रहा है। विरोध बढ़ता देख वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्यायेश्वर शरण सिंह देव मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रशासन के अधिकारियों से बातचीत की और मकान मालिक को कुछ समय देने की मांग की। उन्होंने कहा कि मानवीय आधार पर कुछ समय देना चाहिए ताकि लोग वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें। उनके हस्तक्षेप व विरोध के बाद बैरंग लौटी जिला प्रशासन टीम ने मकान खाली करने के लिए 30 मई तक का समय दिया है। 

तालाब की जमीन पर कब्जे का पुराना विवाद 

सत्ती मंदिर के पास तालाब की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला कई साल पुराना है। स्थानीय लोगों का दावा है कि यह मकान लंबे अरसे से बना हुआ है और इसमें रहने वाले परिवारों के पास कोई अन्य आवासीय व्यवस्था नहीं है। दूसरी ओर, प्रशासन का कहना है कि तालाब की जमीन सरकारी संपत्ति है और इस पर किसी भी तरह का निर्माण अवैध है। आपकों बताते चलें कि पिछले कुछ वर्षों में अम्बिकापुर शहर सहित आसपास के क्षेत्रों में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के कई मामले सामने आए हैं।

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