बिलासपुर। सिरगिट्टी स्थित सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए पटवारी के फर्जी हस्ताक्षर से कब्जा प्रमाण पत्र बनवाकर जमीन को बेचने और 20 लाख का लोन लेने का मामला सामने आया है। इसकी जानकारी होने पर पटवारी ने सिरगिट्टी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया है। सिरगिट्टी के पटवारी राजेश पांडेय ने धोखाधड़ी की शिकायत की है। पटवारी ने बताया कि सिरगिट्टी में रहने वाले बजरंग कोरी और गणेश कोरी को सरकारी जमीन का आबादी पट्टा दिया गया है। इसी जमीन का कब्जा प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कुछ दिन पहले दोनों पटवारी कार्यालय आए थे।
पटवारी ने नियमों का हवाला देकर कब्जा प्रमाण पत्र बनाने से इन्कार कर दिया था। बाद में दोनों ने फर्जी सील बनवाकर पटवारी के फर्जी हस्ताक्षर से कब्जा प्रमाण पत्र बना लिया। इसके आधार पर दोनों ने भूमि को निजी बैंक में गिरवी रख वहां से 20 लाख 55 हजार रुपये का लोन ले लिया। लोन के लिए भी दोनों ने फर्जी दस्तावेज का उपयोग किया है। पटवारी ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की शिकायत सिरगिट्टी थाने में की है। शिकायत पर पुलिस ने बजरंग कोरी, गणेश कोरी और अन्य के खिलाफ जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया है।
कोरिया मे भी कई मामले बैक मे लोन होने के बाद भी नामानतरण हुई भूमि
कोरिया जिले मे कई मामले ऐसे है जहां भूमि मै बैंक से लोन होने के बाद भी नामांतरण हो जा रहा है, जबकि छत्तीसगढ़ मे
बैंक में बंधक होने के बाद भूमि का नामांतरण छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 165(10) के तहत नहीं होता है, क्योंकि यह धारा बंधक संपत्ति के हस्तांतरण को प्रतिबंधित करती है। इसके बाद भी कई भूमियों का नामांतरण किया जा रहा है, बैंक से एनओसी भी नही ली जाती है, जबकि नामांतरण के समय एनओसी विषम परिस्थिति मे आवश्यक है। ओनलाईन खसरे मे बैंक मे भूमि बंधक है बैकुण्ठपुर चेर की भूमि ख.नं. 27 उसके बाद भी नामांतरण हुआ, लेकिन वर्तमान तहसीलदार बैकुण्ठपुर को जानकारी देने के बाद नामांतरण रोक दिया गया है। आवेदक के द्वारा चेर की भूमि खसरा नं. 27 से संबंधित समस्त दस्तावेज दिया गया।
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